Текст песни Manzoor Hai - Ami Mishra
फिर
जोड़ें
मिल
के
वो
टुकड़े
दिल
के
बिखरे
पड़े
जो
यहाँ
कल
तुम
थे,
हम
थे,
राहें
वो
जिन
पे
कोई
नहीं
अब
वहाँ
ये
साँसें
कह
रही
तुम
से,
थे
इनका
दिल
तो
बस
तुम
थे
तुम
ही
ने
था
दिया
जीना,
तेरे
बिन
हम
ज़रा
कम
थे
तेरा
हमको
भुला
देना,
हँसा
के
फिर
रुला
देना
मुझे
मंज़ूर
है
जो
भी
मिले
तुम
से,
हाँ,
मिले
तुम
से
हाँ,
अपना
बना
के
ऐसे
दूर
जाना
यादों
से
मिला
के
मुझे
भूल
जाना
तेरा
जाने
कितनी
दफ़ा
मनाया
है
मैंने
तुझे
फिर
क्यूँ
जुदा
है?
मुझे
ये
बताना
ज़रा
कभी
तुम
ख़ाब
होते
थे,
मेरी
नींदों
में
सोते
थे
मेरी
आँखों
से
हँसते
थे,
मेरी
आँखों
से
रोते
थे
तेरा
हमको
भुला
देना,
हँसा
के
फिर
रुला
देना
मुझे
मंज़ूर
है
जो
भी
मिले
तुम
से,
मिले
तुम
से
किसको
पता
था,
कभी
ऐसे
नज़दीकियाँ
आएँगी
लिए
रास्तों
में
१००
दूरियाँ
जाने
क्यूँ
तेरी
वो
जगह
आँसुओं
ने
है
ली
रहता
था
बन
के
जहाँ
तू
कल
ख़ाब
सा
खोने
हैं
लगी
अब
शब
में
अपनी
कहानियाँ
और
फिर
है
कहीं
तू
और
मैं
कहीं
ये
साँसें
कह
रही
तुम
से,
थे
इनका
दिल
तो
बस
तुम
थे
तुम
ही
ने
था
दिया
जीना,
तेरे
बिन
हम
ज़रा
कम
थे
तेरा
हमको
भुला
देना,
हँसा
के
फिर
रुला
देना
मुझे
मंज़ूर
है
जो
भी
मिले
तुम
से,
ओ,
मिले
तुम
से
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