Текст песни Bhagawan Kahan - Ani Choying Drolma
भगवन्,
कहाँ
म
जाऊँ?
त्यो
ठाउँ
खै
कहाँ
छ?
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
भगवन्,
कहाँ
म
जाऊँ?
त्यो
ठाउँ
खै
कहाँ
छ?
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
हो
बुद्धिमान
मान्छे,
मान्छे
विचारवान्
हो
बुद्धिमान
मान्छे,
मान्छे
विचारवान्
किन
हो
परन्तु
उसमा
खुल्दैन
मैत्री
ज्ञान?
यो
ताप
मेट्न
तिम्रो
छाया
कहाँ
म
पाऊँ?
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
भगवन्,
कहाँ
म
जाऊँ?
कुन
ठाउँ
शान्त
भन्नु?
मन
भ्रान्त
हाय!
मेरो
कुन
ठाउँ
शान्त
भन्नु?
मन
भ्रान्त
हाय!
मेरो
बत्ती
बलेनि
देख्छु
संसार
नै
अँधेरो
कहिले
म
हाय!
यो
मन
समभावले
सजाऊँ?
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
भगवन्,
कहाँ
म
जाऊँ?
त्यो
ठाउँ
खै
कहाँ
छ?
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
मन
यो
जहाँ
बिसाऊँ
भगवन्,
कहाँ
म
जाऊँ?
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