Текст песни Aisi Lagi Lagan - Anuradha Paudwal Kavita Paudwal
आरती
कीजे
हनुमान
लला
की
आरती
कीजे
हनुमान
लला
की
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
दुष्ट
दलन
रघुनाथ
कला
की
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
जाके
बल
से
गिरिवर
कांपे
रोग-दोष
जाके
निकट
ना
जांके
अनजनी
पुत्र
महा
बलदाई
संतन
के
प्रभु
सदा
सहाई
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
दे
बीरा
रघुनाथ
पठाए
लंका
जारि
सिया
सुधि
लाए
लंका
सो
कोट
समुद्र
की
सीखाई
जात
पवन
सुत
बार
ना
लायी
लंका
जरि
असुर
संघारे
सियाराम
जी
के
काज
सवारे
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
लक्षमण
मुर्षित
पड़े
सकारे
लाये
सजीवन
प्राण
उभारे
पैठी
पाताल
तोरि
जमकारे
अहिरावन
की
भुजा
उखारे
बाए
भुजा
असुरदल
मारे
दाहिने
भुजा
संत
जन
तारे
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
सुर
नर
मुनि
जन
आरती
उतारे
जय-जय-जय
हनुमान
उचारे
कंचन
थार
कपूर
लौ
छाई
आरती
करत
अंजना
माई
जो
हनुमान
जी
की
आरती
गावे
बसि
बैकुंठ
परमपद
पावे
आरती
कीजे
हनुमान
लला
क
आरती
कीजे
हनुमान
लला
की
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
(आरती
कीजे
हनुमान
लला
की)
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