Текст песни Hazaron Khwahishen Aisi - Vocals - Deepak Pandit
हज़ारों
ख़्वाहिशें
ऐसी,
के
हर
ख़्वाहिश
पे
दम
निकले
बहुत
निकले
मेरे
अरमान,
लेकिन
फिर
भी
कम
निकले
निकलना
खुल्द
से
आदम
का
सुनते
आए
हैं
लेकिन
बहुत
बेआबरू
होकर
तेरे
कूचे
से
हम
निकले
मुहब्बत
में
नहीं
है
फ़र्क
जीने
और
मरने
का
उसी
को
देखकर
जीते
हैं,
जिस
क़ाफ़िर
पे
दम
निकले
हज़ारों
ख़्वाहिशें
ऐसी,
के
हर
ख़्वाहिश
पे
दम
निकले
बहुत
निकले
मेरे
अरमान,
लेकिन
फिर
भी
कम
निकले
ख़ुदा
के
वास्ते
पर्दा
न
काबे
इसे
उठा
ज़ालिम
कहीं
ऐसा
ना
हो
याँ
भी
वही
क़ाफ़िर
सनम
निकले
कहाँ
मयखाने
का
दरवाज़ा
'ग़ालिब'
और
कहाँ
वाइज़
पर
इतना
जानते
हैं
कल
वो
जाता
था
के
हम
निकले
हज़ारों
ख़्वाहिशें
ऐसी,
के
हर
ख़्वाहिश
पे
दम
निकले
बहुत
निकले
मेरे
अरमान,
लेकिन
फिर
भी
कम
निकले
1 Dard Se Mera Daaman Bharde Ya Allah (Instrumental)
2 Chithi Na Koi Sandesh (Instrumental)
3 Hazaron Khwahishen Aisi (Instrumental)
4 Gham Ka Khazana Tera Bhi Hai Mera Bhi (Instrumental)
5 Aah Ko Chahiye (Instrumental)
6 Koi Yeh Kaise Bataye (Instrumental)
7 Sarakti Jaye Hai Rukh Se Naqab Aahista Aahista (Instrumental)
8 Tum Itna Jo Muskra Rahe Ho / Tum Ko Dekha To Khayal Aaya (Instrumental)
9 Hazaron Khwahishen Aisi - Vocals
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