Farida Khanum - Go Zara Si Baat текст песни

Текст песни Go Zara Si Baat - Farida Khanum




गो ज़रा सी बात पर
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए
गो ज़रा सी बात पर
वहशतें कुछ इस तरह अपना मुक़द्दर हो गईं
वहशतें कुछ इस तरह अपना मुक़द्दर हो गईं
हम जहाँ पहुँचे हमारे साथ वीराने गए
हम जहाँ पहुँचे हमारे साथ वीराने गए
लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
गो ज़रा सी बात पर
मैं इसे शोहरत कहूँ या अपनी रुस्वाई कहूँ
मैं इसे शोहरत कहूँ या अपनी रुस्वाई कहूँ
मुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़्साने गए
मुझ से पहले उस गली में मेरे अफ़्साने गए
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए



Авторы: Khalil Ahmed, Khatir Ghaznavi, Hussain Akhtar


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