Kailash Kher feat. Mounima - Kaun Hain Voh текст песни

Текст песни Kaun Hain Voh - Kailash Kher feat. Mounima




जटा कटा हसं भ्रम
भ्रमन्नि लिम्प निर्झरी
विलोलवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि
धगद्धगद्धग ज्ज्वल ल्ललाट पट्ट पावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम
कौन है वो? कौन है वो?
कहाँ से वो आया?
चारों दिशाओं में तेज सा वो छाया
उसकी भुजाएँ बदले कथाएँ
भागीरथी तेरी तरफ़ शिवजी चले
देख ज़रा, ये विचित्र माया
धरा धरेन्द्र नंदिनीविलास बन्धु बन्धुर
स्फुर द्दिगन्त सन्ततिप्रमोद मान मानसे
कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि
क्वचि द्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि
जटा भुजंग पिंगल स्फुरत्फणा मणिप्रभा
कदम्ब कुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्व धूमुखे
मदान्ध सिन्धुर स्फुरत्त्व गुत्तरी यमे दुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि
कौन है वो? कौन है वो?
कहाँ से वो आया?
चारों दिशाओं में तेज सा वो छाया
उसकी भुजाएँ बदले कथाएँ
भागीरथी तेरी तरफ़ शिवजी चले
देख ज़रा, ये विचित्र माया



Авторы: MANOJ MUNTASHIR, MM KREEM



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