Текст песни Josh-E-Jawani Tauba - Kishore Kumar
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
दुनिया
का
मेला
कितना
अकेला
हूँ
मैं
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
दुनिया
का
मेला
कितना
अकेला
हूँ
मैं
शाम
का
रंगी
शोख
नज़ारा
और
बेचारा
ये
दिल
धुंध
के
हारा
पर
न
मिली
मंजिल
शाम
का
रंगी
शोख
नज़ारा
और
बेचारा
ये
दिल
धुंध
के
हारा
पर
न
मिली
मंजिल
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
शाम
का
रंगी
शोख
नज़ारा
और
बेचारा
ये
दिल
धुंध
के
हारा
पर
न
मिली
मंजिल
कोई
तो
हमसे
दो
बात
करता
कोई
तो
कहता
हालो
घर
न
बुलाता
पर
ये
तो
कहता
कुछ
दूर
तक
संग
चलो
कोई
तो
हमसे
दो
बात
करता
कोई
तो
कहता
हालो
घर
न
बुलाता
पर
ये
तो
कहता
कुछ
दूर
तक
संग
चलो
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
दुनिया
का
मेला
कितना
अकेला
हूँ
मैं
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
दुनिया
का
मेला
कितना
अकेला
हूँ
मैं
बेकार
गुज़ारे
हम
इस
तरफ
से
बेकार
था
ये
सफर
अब
दर
ब
दर
की
खाते
है
ठोकर
राजा
जो
थे
अपने
घर
जोश
ए
जवानी
हाय
रे
हाय
निकले
जिधर
से
धूम
मचाये
दुनिया
का
मेला
कितना
अकेला
हूँ
मैं.
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