Текст песни Zindagi Ka Safar - Kishore Kumar
ज़िंदगी
का
सफ़र
है
ये
कैसा
सफ़र
कोई
समझा
नहीं
कोई
जाना
नहीं
ज़िंदगी
का
सफ़र
है
ये
कैसा
सफ़र
कोई
समझा
नहीं
कोई
जाना
नहीं
है
ये
कैसी
डगर
चलते
हैं
सब
मगर
कोई
समझा
नहीं
कोई
जाना
नहीं
ज़िंदगी
को
बहुत
प्यार
हमने
दिया
मौत
से
भी
मोहब्बत
निभाएँगे
हम
रोते
रोते
ज़माने
में
आए
मगर
हंसते
हंसते
ज़माने
से
जाएँगे
हम
जाएँगे
पर
किधर
है
किसे
ये
खबर
कोई
समझा
नहीं
कोई
जाना
नहीं
ऐसे
जीवन
भी
हैं
जो
जिए
ही
नहीं
जिनको
जीने
से
पहले
ही
मौत
आ
गयी
फूल
ऐसे
भी
हैं
जो
खिले
ही
नहीं
जिनको
खिलने
से
पहले
फ़िज़ा
खा
गई
है
परेशान
नज़र
तक
गये
चारागार
कोई
समझा
नहीं
कोई
जाना
नहीं
ज़िंदगी
का
सफ़र
है
ये
कैसा
सफ़र
कोई
समझा
नही
कोई
जाना
नहीं
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