Lata Mangeshkar - Ajib Dastan Hai Yeh (From "Dil Apna Aur Preet Parai") текст песни

Текст песни Ajib Dastan Hai Yeh (From "Dil Apna Aur Preet Parai") - Lata Mangeshkar



अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
वो समझ सके हम
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
वो समझ सके हम
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये रोशनी के साथ क्यों
धुआँ उठा चिराग से
ये ख़्वाब देखती हूँ मैं
के जग पड़ी हूँ ख़्वाब से
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
वो समझ सके हम
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
मुबारकें तुम्हें के तुम
किसीके नूर हो गए
किसीके इतने पास हो
के सबसे दूर हो गए
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
वो समझ सके हम
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
किसीका प्यार लेके तुम
नया जहाँ बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी
तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ खतम
ये मंज़िलें है कौन सी
वो समझ सके हम



Авторы: SINGH SHANKAR


Lata Mangeshkar - Tragedy Queen (Remembering Meena Kumari)
Альбом Tragedy Queen (Remembering Meena Kumari)
дата релиза
01-11-2013




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