Lata Mangeshkar - Phaili Hui Hai Sapnon Ki Bahen текст песни

Текст песни Phaili Hui Hai Sapnon Ki Bahen - Lata Mangeshkar



फैली हुई हैं, सपनों की बाहें
आजा चल दें कहीं दूर
वही मेरी मंज़िल वही तेरी राहें
आजा चल दें कहीं दूर
फैली हुई हैं, सपनों की बाहें
आजा चल दें कहीं दूर
वही मेरी मंज़िल वही तेरी राहें
आजा चल दें कहीं दूर
विमल
ऊंची घटा के साये तले छुप जाएं
धुंधली फ़िज़ा में कुछ खोएं कुछ पाएं
ऊंची घटा
ऊंची घटा के साये तले छुप जाएं
धुंधली फ़िज़ा में कुछ खोएं कुछ पाएं
सांसो की लय परकोई ऐसी धुन गायें
देदे जो दिल को दिल की पनाहें
आजा चल दें कहीं दूर
फैली हुई हैं, सपनों की बाहें
आजा चल दें कहीं दूर
विमल
झूला धनक का धीरे_धीरे_ हम झुले
अम्बर तो क्या है तारों के भी लब छुलें
झूला धनक का
झूला धनक का धीरे_धीरे_ हम जुले
अम्बर तो क्या है तारों के भी लब छुलें
मस्ती में झूमें और सभी ग़म भूलें
देखें पीछे मुड़ कर निगाहें
आजा चल दें कहीं दूर
फैली हुई हैं, सपनों की बाहें
आजा चल दें कहीं दूर
वही मेरी मंज़िल वही तेरी राहें
आजा चल दें कहीं दूर



Авторы: S.D. BURMAN, S.D.BURMAN, LUDHIANVI SAHIR, SAHIR LUDHIANVI


Lata Mangeshkar - House No. 44 (Bollywood Cinema)
Альбом House No. 44 (Bollywood Cinema)
дата релиза
21-11-2011




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