Текст песни Sansar Ki Har Shae - Mahendra Kapoor
संसार
की
हर
शय
का
इतना
ही
फ़साना
है
एक
धुँध
से
आना
है,
एक
धुँध
में
जाना
है
ये
राह
कहाँ
से
है?
ये
राह
कहाँ
तक
है?
ये
राज़
कोई
राही
समझा
है,
ना
जाना
है
संसार
की
हर
शय
का
इतना
ही
फ़साना
है
एक
धुँध
से
आना
है,
एक
धुँध
में
जाना
है
एक
पल
की
पलक
पर
है
ठहरी
हुई
ये
दुनिया
एक
पल
के
झपकने
तक
हर
खेल
सुहाना
है
संसार
की
हर
शय
का
इतना
ही
फ़साना
है
एक
धुँध
से
आना
है,
एक
धुँध
में
जाना
है
क्या
जाने
कोई
किस
पल,
किस
मोड़
पे
क्या
बीते?
इस
राह
में,
ऐ
राही,
हर
मोड़
बहाना
है
संसार
की
हर
शय
का
इतना
ही
फ़साना
है
एक
धुँध
से
आना
है,
एक
धुँध
में
जाना
है
ला-ला-ला,
ला-ला-ला-ला-ला
ला-ला-ला-ला,
ला-ला-ला-ला-ला
ला-ला-ला,
ला-ला-ला-ला
ला-ला-ला,
ला-ला-ला
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