Текст песни Ajeeb Dastan Hain Yeh - Nitin Mukesh
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी,
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी
कभी
मचलता
गीत
है...
कभी
मचलता
गीत
है,
कभी
है
ग़म
की
शायरी
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
ये
अपनी
भूल
है
कोई
या
खेल
है
नसीब
का
ये
अपनी
भूल
है
कोई
या
खेल
है
नसीब
का
हो,
अजनबी
हुए
जिनसे
रिश्ता
था
क़रीब
का
ख़बर
भी
ना
हुई...
ख़बर
भी
ना
हुई,
बहार
आई
और
चली
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी,
है
जिसका
नाम
ज़िंदगी
कभी
मचलता
गीत
है,
कभी
है
ग़म
की
शायरी
अजीब
दास्ताँ
है
ये,
अजीब
दास्ताँ
है
ये
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