Pritam - Utth Ja Ziddi Re текст песни

Текст песни Utth Ja Ziddi Re - Pritam



पल जो ठहरा है
ले के सेहरा है
दो कदम पे ही
ख्वाब सुनहेरा है
कल किसी का था
आज ये तेरा है
तेड़े मेड़े रास्तों से
आगे बड़ जाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
सोये खोए ख्वाबों को भी
नींदों से जगाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
आधे आधे वादों को भी
पूरा कर जाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
हारी हारी आँखों को भी
जीत से मिलना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
तेरे कारवाँ की ये दास्तां
तो हौले हौले
समझेगा ये जहाँ
तुझे वास्ता दिल
सबको बता
धीरे धीरे
तेरी कहानियां
नापी तुली बातों को भी
खुल के उड़ाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
जली बुझी साँसों को भी
फिर से सुलगाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
आधे आधे वादों को भी
पूरा कर जाना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
हो,हारी हारी आँखों को भी
जीत से मिलना है रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा
उठ जा
उठ जा
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा
उठ जा
उठ जा
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा
उठ जा
उठ जा
उठ जा ज़िद्दी रे
उठ जा
उठ जा
उठ जा
उठ जा ज़िद्दी रे



Авторы: Pritam


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