Swasti Mehul - Kaunsa Mantra текст песни

Текст песни Kaunsa Mantra - Swasti Mehul




कौन सा मंत्र जपूँ मैं?
कौन सा मंत्र जपूँ मैं? भगवन, तुम धरती पर आओ
दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे मिटाओ
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो भटक रहे
कहीं तो साँसों की गिनती में लाखों अटक रहे
कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो भटक रहे
कहीं तो साँसों की गिनती में लाखों अटक रहे
बंद हैं तेरे सब दरवाज़े, हो
बंद हैं तेरे सब दरवाज़े, कैसे तुझे मनाएँ?
कितनों को काँधे ना मिल रहे, क्या-क्या तुझे बताएँ?
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर होकर आए
तेरे बिन अब कौन सहारा, कुछ भी समझ ना आए
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर होकर आए
हर चौखट पर माथा टेका, कहीं तो तू मिल जाए
कौन सा मंत्र जपूँ मैं? भगवन, तुम धरती पर आओ
दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इस मिटाओ
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
कि दरस दिखाओ, प्रभु
एक बार आओ, प्रभु
एक बेटा सरहद को सँभाले, दूजा जान बचाए
कर्तव्यों की राह पे, देखो, बेटी क़दम मिलाए
एक बेटा सरहद को सँभाले, दूजा जान बचाए
कर्तव्यों की राह पे, देखो, बेटी क़दम मिलाए
हर योद्धा में तू है समाया, सब हैं तेरे सिपाही
हाँ, Swasti तेरी उँगली थाम दो लहरों से लड़ आई
तेरी जय हो, प्रभु
तेरी जय हो, प्रभु
तेरी जय हो, प्रभु
तेरी जय हो, प्रभु



Авторы: Swasti Mehul



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