Akhil - Zara Bhi Fasle Lyrics

Lyrics Zara Bhi Fasle - Akhil




बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
ना आएँ कभी दोनों में ज़रा भी फ़ासले
बस एक तू हो, एक मैं हूँ, और कोई ना
है मेरा सब कुछ तेरा, तू समझ ले
तू चाहे मेरे हक़ की ज़मीन रख ले
तू साँसों पे भी नाम तेरा लिख दे
मैं जियूँ जब-जब तेरा दिल धड़के
तुझसे मेरा ये जी नहीं भरता
कुछ भी नहीं असर अब करता
मेरी राह तुझी से, मेरी चाह तुझी से
मुझे बस यहीं रह जाना
लगी हैं तेरी आदतें मुझे जब से
हैं तेरे बिन पल भी बरस लगते
बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
जो होवे तू उदास, मुझे देखे हँसदे
तू चाहे मेरे हक़ की ज़मीन रख ले
तू साँसों पे भी नाम तेरा लिख दे
मैं जियूँ जब-जब तेरा दिल धड़के
तुझसे मिली तो सीखा मैंने हँसना
आया मुझे सफ़र में ठहरना
मैं तो भूल गई दुनिया का पता
यारा, जब से तुझे है जाना
है तू ही दिल-जान है मेरी अब से
वे ज़िक्र तेरा ना जाए मेरे लब से
बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
जो होवे तू उदास मुझे देखे हँसदे
तू चाहे मेरे हक़ की ज़मीन रख ले
तू साँसों पे भी नाम तेरा लिख दे
मैं जियूँ जब-जब तेरा दिल धड़के
ਪਿਆਰ ਦੀ ਰਾਹਵਾਂ ਉਤੇ ਯਾਰ ਤੂੰ ਲੇ ਆਇਆ
ਮੈਨੂੰ ਜੀਣੇ ਦਾ ਮਤਲਬ ਆਜ ਸਮਝ ਆਇਆ
ਪਰਾਇਆ ਮੈਨੂੰ ਕਰਨਾ ਨਾ ਤੂੰ, ਸੋਹਣਿਆ
ਚੰਨਾ, ਮੈਂ ਤੋ ਰੁਲ ਜਾਣਾ
बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
बुलावे तुझे यार आज मेरी गलियाँ
बसाऊँ तेरे संग मैं अलग दुनिया
ना आएँ कभी दोनों में ज़रा भी फ़ासले
बस एक तू हो, एक मैं हूँ, और कोई ना
है मेरा सब कुछ तेरा, तू समझ ले
तू चाहे मेरे हक़ की ज़मीन रख ले
तू साँसों पे भी नाम तेरा लिख दे...



Writer(s): Uzma Aman Khan



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