Amit Mishra - Bolenge Lyrics

Lyrics Bolenge - Amit Mishra



School में teacher ने बताया, क्या और कैसे पढ़ना है
Coach ने बताया, क्या और कैसे खेलना है
और शाम को news ने बताया, क्या और कैसे सोचना है
Ever have with you?
Have you experienced it?
ढूंढा कहाँ खुद को अभी, तूने ढूंढा कहाँ
पूछे जहाँ, पूछे यही तुझसे पूछे जहाँ
औरों के शोर में अपनी आवाज़ भी सुन
कभी भीड़ में खुद को भी तो चुन
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
जवाब मेरा, जाने कहा जाके अड़ा है जवाब मेरा
मेरा सवाल क्यूँ इतना बड़ा है, सवाल मेरा
अब किसी सोच का कच्चे सवालों से अब जाके पाला पड़ा है
हमको नहीं पता शायद क्या है सही, पर आधी अधूरी बात मानेंगे ना
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
फिसला ता तो था हाथ पर तेरा साथ छूटा ना था
झूठा ना था वादा तेरा, झूठा ना था
मुझे दोस्त कहके, यूं दूर करके दर्द कितने दिए
जो मस्तियों के पल वो सारे तूने गुमसुम किये
खोजेंगे, परिंदे इक सवेरा खोजेंगे
तोड़ेंगे, सरहदे सारी तोड़ेंगे
खोजेंगे, परिंदे इक सवेरा खोजेंगे
तोड़ेंगे, सरहदे सारी तोड़ेंगे
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे
बोलेंगे, दे दो रिहाई खुदको बोलेंगे
खोलेंगे, पिंजरे ये सारे खोलेंगे



Writer(s): Deepak Ramola, Sandesh Shandilya



Attention! Feel free to leave feedback.