Lyrics Khulne Do - Arijit Singh
मैली-मैली
सी
सुबह
धुलने
लगी
है
Mmm,
मैली-मैली
सी
सुबह
धुलने
लगी
है
गिरह
लगी
थी
साँस
में,
खुलने
लगी
है,
खुलने
लगी
है
बर्फ़
की
डली
थी
कोई,
धुलने
लगी
है
गिरह
लगी
थी
साँस
में,
खुलने
लगी
है,
खुलने
लगी
है
खुलने
दो,
खुलने
दो,
आसमाँ
खुलने
दो
खुलने
दो,
खुलने
दो,
आसमाँ
खुलने
दो
उजाला
हो
तो
जाएगा
कहीं
ना
कहीं
से
अँधेरा
भी
छटेगा
ही
कभी
तो
ज़मीं
से
पलकें
तो
नहीं
हैं,
नज़र
उठने
लगी
है
गिरह
लगी
थी
साँस
में,
खुलने
लगी
है,
खुलने
लगी
है
खुलने
दो,
खुलने
दो,
आसमाँ
खुलने
दो
खुलने
दो,
खुलने
दो,
आसमाँ
खुलने
दो
खुलने
दो
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