Arijit Singh - Ruan Ruan Lyrics

Lyrics Ruan Ruan - Arijit Singh




रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
पंछी चला उस देश को
है जहाँ रातों में सुबह घुली
पंछी चला परदेस को
के जहाँ वक़्त की गाँठ खुली
रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
हाँ नूर को ऐसे चखा
मीठा कुआँ ये मन हुआ
रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
गहरी नदी में डूब के
आखरी साँस का मोती मिला
सदियों से था ठहरा हुआ
हाँ गुजर ही गया वो काफिला
पर्दा गिरा मेला उठा
खाली कोई बर्तन हुआ
माटी का ये मैला घड़ा
टुटा तो फिर कंचन हुआ
रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
रुआँ-रुआँ रौशन हुआ
धुआँ-धुआँ जो तन हुआ
हाँ नूर को ऐसे चखा
मीठा कुआँ ये मन हुआ



Writer(s): Varun Grover, Vishal Bhardwaj


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