Badshah - Bas Ke Bahar Lyrics

Lyrics Bas Ke Bahar - Badshah




Yeah (yeah)
Yeah (yeah)
मैं flight में हूँ, मैं सोया नहीं
वो छोड़ गई, मैं रोया नहीं
परसो रात जिसके साथ था मैं, गाल उसका चूमा
कहती, "गाल अब तक धोया नहीं"
लो फ़िर एक बार
पेश-ए-ख़िदमत है मेरी ज़िंदगी, लो मज़ें
वो बच्चों को school भेज कर
करती है call मुझको सुबह बजे
मैं दास्तान अपनी लिखने बैठूँगा
तो कइयों का नाम आएगा
किसी की बन जाए ज़िंदगी, शायद
तो किसी के गले से नीचे ना जाम जाएगा
Record तोड़े, दिल कई तोड़ कर
सबसे ऊपर क्योंकि पिछे सारे छूट गए
ग़ैर बन बैठे family
जो बचपन से अपने थे, वो सारे रूठ गए
अब phone भी आने बंद हो गए हैं
कहते हैं तुझको तंग करना नहीं चाहते
तेरी ज़िंदगी रंगीन है बड़ी
उसमें अपने फ़िके से रंग भरना नहीं चाहते
जो तू करता है वो करना नहीं चाहते
तुझसे प्यार करते हैं, तुझसे डरना नहीं चाहते
तू हर बात पे ही लड़ने को तैयार बैठा है
हम लड़ना नहीं चाहते
जो सपने देखे थे वो कब के पूरे कर लिए
Business, गाड़ियाँ, कपड़े, जूते, घर लिएँ
वो मुझसे पूछता है कितना प्यार करता है
मैंने बोला, "जिसपे मरना था मर लिए"
वो मुझसे पूछती, "तू रातों को क्यूँ जागता है?"
इस गली से उस गली में क्यूँ तू भागता है?
रात मेरे घर पे, सुबह किसी और के
ये बता तू गुज़र रहाँ किस दौर से
तू क्या खा रहा है, और तुझे क्या खा रहा है
Lamborghini सही है, पर ये रास्ता कहाँ जा रहा है?
२४ घंटे साथ, कभी गायब तू महीनों भर
कितना उड़ेगा? रह ले ज़मीनों पर
Competition ख़तम, रहम खा अब कमीनों पर
कितने दिल है तेरे, आएँगे कितनी हसीनों पर
उँगलियों में ये जो पहनने है तूने
क्या तुझे सच में तुझे यक़ीन हैं उन नगीनों पर?
तेरे astrologer क्या बताते हैं?
ये बुरे सपने तुझे आज तक क्यूँ सताते हैं?
किसका ग़म खाता है, ये बता
ये चश्मे काले, किसकी यादों के आँसू छुपाते हैं?
हम कौन, क्यूँ है और क्या है ये बता
और तेरी ज़िंदगी में कहाँ पर आते हैं?
मुझे चाहता नहीं कोई
लेकिन बादशाह को सारे चाहते हैं
ये बातें करने का फ़ायदा ना कोई
मेरी ज़िंदगी का क़ायदा ना कोई
ਮੈਨੂੰ ਚਾਹੀਦੇ ਹੈ ਤੂੰ, 'ਤੇ ਤੂੰ, 'ਤੇ ਤੂੰ
ਪਰ ਮੈਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਨਾ ਕੋਈ
तू किससे बात कर रही है, मुझको पता नहीं
तेरे आगे बस मेरा जिस्म है
प्यार-प्यार करता है, और जो प्यार मिले
भागता है, भागने की कैसी किस्म है
ये बातें ख़ैर नहीं करो हमसे
हम बेक़ार हो चुके हैं
हम तो अब ख़ुद के बस में ही नहीं
हम बस के बाहर हो चुके हैं



Writer(s): Aditya Prateek Singh



Attention! Feel free to leave feedback.