Dinesh Arjuna - Patzad Tham Jaye Lyrics

Lyrics Patzad Tham Jaye - Dinesh Arjuna




पतझड़ थम जाए, पौधे खिल आए
पतझड़ थम जाए, पौधे खिल आए
पतझड़ थम जाए, पौधे खिल आए
नदियाँ सुख जाए, बरखा जल लाए
सूरज डूब जाए, चन्दा खिल आए
तेरे दुखों का अंत ना आए
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
जाति जिसकी जितनी छोटी
उसको मिले ना दो जून रोटी
मेहनत करे जो सबसे ज्यादा
रहना पड़े उसे भूखा-प्यासा
नदियाँ सुख जाए, बरखा जल लाए
सूरज डूब जाए, चन्दा खिल आए
तेरे दुखों का अंत ना आए
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
हर पल क्यूँ तू मरता जाए?
जुल्म सितम को सहता जाए
किसने लिखी तेरी ऐसी सजा
तेरा खुदा क्यूँ तुझसे खफा?
नदियाँ सुख जाए, बरखा जल लाए
सूरज डूब जाए, चन्दा खिल आए
तेरे दुखों का अंत ना आए
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)
(तेरे दुखों का अंत ना आए)



Writer(s): Subodh Nagdeve, Dinesh Arjuna



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