Kavita Paudwal - Dil Ki Baatein Lyrics

Lyrics Dil Ki Baatein - Kavita Paudwal



तेरी-मेरी दिल की ये बातें कुछ ऐसी हैं
ख्वाबों में बसे एक दुनिया के जैसी हैं
हौले-हौले दिल की कशिश ये बढ़ती जाएँ
जैसे बिना आग के धुएँ आँसू लाएँ
रिस्ता ये कैसा अपना?
जैसे एक छोटा सपना
पलकों का मोहताज है
बिन तेरे रह ना सके अब
लफ़्ज़ों से ये कह ना सके अब
दिल की बातें दिल में समझ जाओ
भी जाओ, अब मेरे दिल में
तरसाओ ना इस तनहाई में
दिल की बातें दिल में समझ जाओ
इस दिल का अब क्या कहे
बन चुका है ये बंजर ज़मीं
ओ, तेरी बारिश ही कर सके
इस दिल की पूरी हर कमी
कब से ये आँखें मेरी
तेरी ही राह में ठहरी
कैसे तुझको बयाँ करे?
बिन तेरे रह ना सके अब
लफ़्ज़ों से ये कह ना सके अब
दिल की बातें दिल में समझ जाओ
भी जाओ, अब मेरे दिल में
तरसाओ ना इस तनहाई में
दिल की बातें दिल में समझ जाओ
कई दिनों से तुझसे
कुछ कहना है इस दिल को
जो ना कहे खुद से
क्या ये कह पाएगा तुझको?
क्यूँ ऐसा हो रहा है के
तुझ बिन जीना पड़ रहा है?
कैसे तुझको ये समझाए?
बिन तेरे रह ना सके अब
लफ़्ज़ों से ये कह ना सके अब
दिल की बातें दिल में समझ जाओ
भी जाओ, अब मेरे दिल में
तरसाओ ना इस तनहाई में
दिल की बातें दिल में समझ जाओ



Writer(s): Priyesh Narendra Vakil, Gautam Sethmaji


Kavita Paudwal - Dil Ki Baatein
Album Dil Ki Baatein
date of release
30-07-2014




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