Kishore Kumar - Intaha Ho Gai Intezar Ki - Dialogue Lyrics

Lyrics Intaha Ho Gai Intezar Ki - Dialogue - Kishore Kumar




"औरत जब तक जिंदगी में ना आए
मर्द के बात में वजन पैदा नहीं होता"
यही कहा करते थे ना आप?
अब देखिए
बात में वजन पैदा करते करते हवा वजन कम हो गया
अच्छे खासे शरीफ इंसान को मरवा दिया आपने
इससे पहले कभी हमें किसी का इंतजार करते हुए देखा है अपने?
ये पे ऐसे लग रहे हैं कि जब से हम पैदा हुए हैं आप बैठे किसी का इंतजार कर रहे हैं
ये ये यह मोमबत्ती बुझने से पहले अगर वह नहीं आए, तो
हमें, हमें मोमबत्तीयों से हमेशा के लिए नफरत हो जाएगी
इम्तेहां हो गई इंतज़ार की
आई ना कुछ खबर, मेरे यार की
ये हमें है यक़ीन, बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की
इम्तेहां हो गई इंतज़ार की
आई ना कुछ खबर, मेरे यार की
ये हमें है यक़ीन, बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की
बात जो है उसमें, बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में
वो है मेरी, बस है मेरी, शोर है यही गली गली में
साथ साथ वो है मेरे गम में, मेरे दिल की हर खुशी में
ज़िन्दगी में वो नहीं, तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में
बुझ जाए ये शमा, ऐतबार की
इम्तेहां हो गई इंतज़ार की
आई ना कुछ खबर, मेरे यार की
ये हमें है यक़ीन, बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की



Writer(s): Anjaan, Bappi Lahiri


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