Lyrics Meri Bheegi Bheegi Si - Kishore Kumar
मेरी
भीगी-भीगी
सी
पलकों
पे
रह
गए
जैसे
मेरे
सपने
बिखर
के
जले
मन
तेरा
भी
किसी
के
मिलन
को
अनामिका,
तू
भी
तरसे
मेरी
भीगी-भीगी
सी...
मेरी
भीगी-भीगी
सी
पलकों
पे
रह
गए
जैसे
मेरे
सपने
बिखर
के
जले
मन
तेरा
भी
किसी
के
मिलन
को
अनामिका,
तू
भी
तरसे
मेरी
भीगी-भीगी
सी...
तुझे
बिन
जाने,
बिन
पहचाने
मैंने
हृदय
से
लगाया
तुझे
बिन
जाने,
बिन
पहचाने
मैंने
हृदय
से
लगाया
पर
मेरे
प्यार
के
बदले
में
तूने
मुझको
ये
दिन
दिखलाया
जैसे
बिरहा
की
रुत
मैंने
काटी
तड़प
के,
आहें
भर-भर
के
जले
मन
तेरा
भी
किसी
के
मिलन
को
अनामिका,
तू
भी
तरसे
मेरी
भीगी-भीगी
सी...
आग
से
नाता,
नारी
से
रिश्ता
काहे
मन
समझ
ना
पाया?
आग
से
नाता,
नारी
से
रिश्ता
काहे
मन
समझ
ना
पाया?
मुझे
क्या
हुआ
था,
एक
बेवफ़ा
पे
हाय,
मुझे
क्यों
प्यार
आया?
तेरी
बेवफ़ाई
पे
हँसे
जग
सारा
गली-गली
गुज़रे
जिधर
से
जले
मन
तेरा
भी
किसी
के
मिलन
को
अनामिका,
तू
भी
तरसे
मेरी
भीगी-भीगी
सी...
मेरी
भीगी-भीगी
सी
पलकों
पे
रह
गए
जैसे
मेरे
सपने
बिखर
के
जले
मन
तेरा
भी
किसी
के
मिलन
को
अनामिका,
तू
भी
तरसे
मेरी
भीगी-भीगी
सी...
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