Lyrics Aaj Hai Mehfil - Noor Jehan
ये
दुनिया
ये
महफिल
मेरे
काम
की
नहीं
किसको
सुनाऊँ
हाल
दिल-ऐ-बेकरार
का
बुझता
हुआ
चराग
हूँ
अपने
मज़ार
का
ऐ
काश
भूल
जाऊँ
मगर
भूलता
नहीं
किस
धूम
से
उठा
था
जनाज़ा
बहार
का
ये
दुनिया
ये
महफिल
मेरे
काम
की
नहीं
अपना
पता
मिले
ना
ख़बर
यार
की
मिले
दुश्मन
को
भी
ना
ऐसी
सज़ा
प्यार
की
मिले
उनको
खुदा
मिले
हैं
खुदा
की
जिन्हें
हैं
तलाश
मुझको
बस
एक
झलक
मेरे
दिलदार
की
मिले
ये
दुनिया
ये
महफिल
मेरे
काम
की
नहीं
सेहरा
में
आके
भी
मुझको
ठिकाना
ना
मिला
गम
को
भुलाने
का
कोई
बहाना
ना
मिला
दिल
तरसे
जिसमें
प्यार
को,
क्या
समझूँ
उस
संसार
को
इक
जीती
बाज़ी
हार
के,
मैं
ढूँढो
बिछड़े
यार
को
ये
दुनिया
ये
महफिल
मेरे
काम
की
नहीं
दूर
निगाहों
से
आँसू
बहाता
है
कोई
कैसे
ना
जाऊँ
मैं
मुझको
बुलाता
है
कोई
या
टूटे
दिल
को
जोड़
दो,
या
सारे
बंधन
तोड़
दो
ऐ
पर्वत
रास्ता
दे
मुझे,
ऐ
काँटों
दामन
छोड़
दो
ये
दुनिया
ये
महफिल
मेरे
काम
की
नहीं
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