Kishore Kumar feat. R. D. Burman - Koi Haseena - From "Sholay" Lyrics

Lyrics Koi Haseena - From "Sholay" - Kishore Kumar feat. R. D. Burman




कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक, दो, तीन हो जाती है
(हट, साले)
हाथों में चाबुक, होंठों पे गालियाँ
हाथों में चाबुक, होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियाँ होती हैं तांगे वालियाँ
कोई तांगे वाली जब रूठ जाती है तो
है तो, है तो और नमकीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
ज़ुल्फ़ों में छैया, मुखड़े पे धूप है
Hey, ज़ुल्फ़ों में छैया, मुखड़े पे धूप है
बड़ा मज़ेदार, गोरिए, ये तेरा रंग-रूप है
डोर से पतंग जब टूट जाती है तो
है तो, है तो रुत रंगीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक, दो, तीन हो जाती है
एक, दो, तीन हो जाती है
एक, दो, तीन हो जाती है
एक, दो, तीन हो जाती है



Writer(s): R. D. Burman, Anand Bakshi



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