Lyrics Bezubaan Phir Se Reprise - Shraddha Kapoor feat. Neil Sharma
टूटी
हैं,
रूठी
हैं,
हाथों
से
छूटी
हैं
माना
तेरी
रौशनी
गहरा
अँधेरा
हैं,
दो
पल
को
ठहरा
हैं
रंग
आसमानों
का
भी
आसान
राहों
को
तूने
लिया
कब
हैं?
ज़िद्दी
सवेरे
तेरे
अपने
से
वादों
के,
१००-१००
इरादों
के
दिल
में
बसेरे
तेरे
वो
जो
कह
पाए
ना
ज़ुबाँ
तेरी
वो
आँखें
तेरी
कर
दे
बयाँ
पाँव
तेरे
कहीं
रोके
रुकेंगे
ना
हो
खुद
पे
यक़ीं
जो
तेरा,
हाँ
तेरी
कहानी,
तेरी
ज़ुबानी
सुनेगा
ये
सारा
जहाँ
बेज़ुबाँ
कब
से
तू
रहा
बेगुनाह
सहता
क्यूँ
रहा?
बेज़ुबाँ...
When
I′m
on
the
spare
And
I
longer
feel
a
doubt
When
I'm
all
alone
He
was
start
to
think
about
suffering
and
silence
And
the
consequence
ahead
Now
the
only
difference
is
the
confidence
ahead
Should
have
started
at
the
summer
Saying
never,
I
had
to
To
all
the
temperature
that
high
For
another
last
July
To
all
the
level
that
decided
And
every
look
that
resides
And
I′ma
keep
it
alive
inside
With
the
name
she
denies
हो-हो-हो,
ख्वाबों
का
तेरे
क़िस्सा
हैं
तेरा
हक़,
तेरा
हिस्सा
हैं
तुझसे
ना
छीने
जहाँ
हो-हो-हो,
तेरी
इम्तिहाँ
देखेगा
आज
आसमाँ
देखेगा
क्या
हैं
तेरा
फ़ैसला?
बेज़ुबाँ
कब
से
तू
रहा
बेगुनाह
सहता
क्यूँ
रहा?
बेज़ुबाँ
कब
से
तू
रहा
बेगुनाह
सहता
क्यूँ
रहा?
I
don't
wanna
not
be
livin'
′cause
I
fear
what
could
happen
Who
you
tellin′
me
to
be
something
I
can
manage
Feelin'
like
I′m
ready
after
carrying
all
this
baggage
It
used
to
be
challenge
and
it
switch
to
an
advantage
Toughened
by
the
failure
and
now
strengthened
by
the
victory
Feedin'
of
the
pain
even
though
it′s
contradictory
Misery
is
something
that
I
see
as
a
mystery
Periphery
is
empty
and
rest
is
move
to
history
तेरी
इम्तिहाँ
देखेगा
आज
आसमाँ
देखेगा
क्या
हैं
तेरा
फ़ैसला?
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