Suresh Wadkar, Sadhana Sargam - Sagar Mein Tarang Hai Lyrics

Lyrics Sagar Mein Tarang Hai - Suresh Wadkar, Sadhana Sargam




सागर में तरंग है, सूर्य किरण के संग है
डोर के साथ पतंग है, फूलों में भी रंग है
सागर में तरंग है, सूर्य किरण के संग है
सागर में तरंग है, सूर्य किरण के संग है
डोर के साथ पतंग है, फूलों में भी रंग है
कोई ना अकेला संसार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
सागर में तरंग है, सूर्य किरण के संग है
डोर के साथ पतंग है, फूलों में भी रंग है
कोई ना अकेला संसार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
ग़म है, खुशी है, अच्छी-बुरी है
किसको पता है यहाँ क्या ज़िन्दगी है
मेघों का राग है, रंगों का फाग है
उड़ता धुआँ है, कभी पानी है, आग है
सुर है जहाँ, वहाँ ताल है
गुल है जहाँ, वहाँ डाल है
होली पे गुलाल है, मस्ती में धमाल है
कोई ना अकेला संसार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
ओ, नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
घर-परिवार है, तीज-त्यौहार है
जहाँ हैं फ़िज़ाएँ, वहीं महकी बहार है
ना बेबसी है, ना वेदना है
छोटा सा घर ये अपना स्वर्ग-नुमा है
थाल दीया के साथ है, दिन है जहाँ, वहाँ रात है
डोली संग बारात है, सावन में बरसात है
कोई ना अकेला संसार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में
नाते जुड़े हैं सभी प्यार में



Writer(s): Sameer, Anand Milind


Attention! Feel free to leave feedback.