paroles de chanson Ke Ami Kothay - Arijit Singh
कस्त्वं
कोऽहं
कुत
आयातः
का
मे
जननी
को
मे
तातः
इति
परिभावय
सर्वमसारम्
विश्वं
त्यक्त्वा
स्वप्नविकारम्
कस्त्वं
कोऽहं
कुत
आयातः
का
मे
जननी
को
मे
तातः
इति
परिभावय
सर्वमसारम्
विश्वं
त्यक्त्वा
स्वप्नविकारम्
হাজার
অতীত
জন্মদাগের
মতো
ফুটে
থাকে
তারায়
তারায়
কে
যেন
ছিলাম
মনে
তো
পড়ে
না
ছায়াপথ
শরীরে
হারায়
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
कस्त्वं
कोऽहं
कुत
आयातः
का
मे
जननी
को
मे
तातः
इति
परिभावय
सर्वमसारम्
विश्वं
त्यक्त्वा
स्वप्नविकारम्
আমি
কি
আমি?
না
অন্য
কেউ?
একই
মুখ
বহু
ঠিকানায়
এসেছি
যেমন,
মিশে
যাব
ঠিক
মাটি,
জল,
আগুন,
হাওয়ায়
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
রাখো
কী
রাখো
না
মনে
জীবন
দিন
গুনি
ফেরার
আশায়
দেখো
মহাকাশে
প্রতিমুহূর্তে
আলো
তার
পথ
বদলায়
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
প্রতি
জনমে
এক
নতুন
সে
দিন
পুরোনো
তারিখ
খুঁজে
পায়
বহু
পথিকের
একই
পায়ে
হাঁটা
এ
আমি'র
গল্প
শোনায়
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
কে
আমি,
কোথায়?
कस्त्वं
कोऽहं
कुत
आयातः
का
मे
जननी
को
मे
तातः
इति
परिभावय
सर्वमसारम्
विश्वं
त्यक्त्वा
स्वप्नविकारम्
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