paroles de chanson Saazish - Monali Thakur
साज़िश
है
कैसी?
ख्वाहिश
है
कैसी?
क्या
हो
रहा
है,
ना
जाने
कोई
यहाँ
साज़िश
है
कैसी?
ख्वाहिश
है
कैसी?
क्या
हो
रहा
है,
ना
जाने
कोई
यहाँ
मंज़िल
है
खोई,
राहें
हैं
सोई
तनहा-अकेली
साँसें
चली
हैं
कहाँ
तुमको
भी
तो
ये
पता
है
इन
आँसुओं
की
वजह
महसूस
करते
हो
तुम
भी
जो
दर्द
मुझको
मिला
कहने
लगा
है
ये
लमहा
होना
ना
मुझसे
जुदा
है
क्यूँ
मेरा
यहाँ
पे
इक
बस
तुम्हारे
सिवा
आँखें
भी
सहमे
हुई
हैं,
दिल
ख़ौफ़
से
है
भरा
ना
जाने
क्यूँ
रात
का
ये
साया
है
ठहरा
हुआ
काले
अँधेरों
में
हमने
पाया
था
जो,
खो
दिया
हाथों
में
खाली
लकीरें,
कुछ
भी
नहीं
है
बचा
साज़िश
है
कैसी?
ख्वाहिश
है
कैसी?
क्या
हो
रहा
है,
ना
जाने
कोई
यहाँ
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