Текст песни Haseeno Ko Aate Hain - Alka Yagnik , Udit Narayan
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
दीवानों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
दीवानों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
कभी
रूठ
जाना,
कभी
मान
जाना
कभी
कुछ
ना
कहना,
कभी
मुस्कुराना
कभी
दूर
जाना,
कभी
पास
आना
कभी
हम
पे
मरना,
कभी
भाव
खाना
हमें
ये
लुटती
है
सोखियों
अदाओं
से
हमें
ये
मारती
है
मधभरी
निगाहों
से
हँसाते
है
हमें
ये
चाहतों
की
बातों
से
कोई
कैसे
बचे
इनकी
करारी
घाटों
से?
संगदिल
बेख़बर
मारे
तीर-ए-नज़र
कभी
चुके
ना
इनके
निशाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
दीवाना
बनाना,
बना
के
मिटाना
हुनर
ये
हसीनों
का
बरसों
पुराना
दिलों
को
चुराना,
चुरा
के
मिटाना
ये
किस्सा
दीवानों
का
सब
ने
हैं
जाना
वफ़ा
के
नाम
पे
लुटा
है
बेवफ़ाओं
ने
किया
बर्बाद
हमें
मखमली
पनाहों
ने
किया
रूसवा
ज़माने
में
हमें
इन
मर्दों
ने
दिया
है
दर्द
हमको
तो
इन्ही
बेदर्दों
ने
एक
दिन
है
यहाँ,
एक
दिन
है
वहाँ
रोज़
इनके
नए
इक
ठिकाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
हसीनों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
दीवानों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
दीवानों
को
आते
हैं
क्या-क्या
बहाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने
(खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने)
(खुदा
भी
ना
जाने
तो
हम
कैसे
जाने)
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