Anuradha Paudwal - Jai Lakshmi Mata текст песни

Текст песни Jai Lakshmi Mata - Anuradha Paudwal




ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
उमा, रमा, ब्रह्माणी तुम ही जग माता
(मैया, तुम ही जग माता)
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपति दाता
(मैया, सुख संपति दाता)
जो कोई तुम को ध्यावता
जो कोई तुम को ध्यावता, रिद्धि-सिद्धि धन पाता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता
(मैया, तुम ही शुभदाता)
कर्म, प्रभाव, प्रकाशिनी
कर्म, प्रभाव, प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
(मैया, सब सद्गुण आता)
सब संभव हो जाता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना कोई पाता
(मैया, वस्त्र ना कोई पाता)
खान-पान का वैभव
खान-पान का वैभव, सब तुम से आता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता
(देवी, क्षीरोदधि-जाता)
रत्न चतुर्दश तुम बिन
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई जन गाता
(मैया, जो कोई जन गाता)
उर आनंद समाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
(ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता)
(तुम को निशदिन सेवत, तुम को निशदिन सेवत)
(हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता)
(ॐ जय लक्ष्मी माता)
(ॐ जय लक्ष्मी माता)





Внимание! Не стесняйтесь оставлять отзывы.