Asha Bhosle - Aye Gham-E-Dil Kya Karoon текст песни

Текст песни Aye Gham-E-Dil Kya Karoon - Asha Bhosle



शहर की रात और मैं नाशाद नाकारा फिरूँ
जगमगाती जागती सड़कों पे आवारा फिरूँ
ग़म-ए-दिल क्या करूँ वहशत-ए-दिल क्या करूँ
ये रुपहली छाँव ये आकाश पर तारों का जाल
जैसे सूफ़ी का तसव्वुर जैसे आशिक़ का ख़याल
आह लेकिन कौन जाने कौन समझे जी का हाल
ग़म-ए-दिल क्या करूँ वहशत-ए-दिल क्या करूँ
रास्ते में रुक के दम ले लूँ मेरी आदत नहीं
लौटकर वापस चला जाऊँ मेरी फ़ितरत नहीं
और कोई हमनवा मिल जाए ये क़िस्मत नहीं
ग़म-ए-दिल क्या करूँ वहशत-ए-दिल क्या करूँ



Авторы: Sardar Malik, Tandon


Asha Bhosle - Asha Bhosle
Альбом Asha Bhosle
дата релиза
30-07-2007




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