B. Praak - Sach Keh Raha Hai текст песни

Текст песни Sach Keh Raha Hai - B. Praak



सुंदर-सुंदर, वो हसीना बड़ी सुंदर-सुंदर
मैं तो खोने लगा उसके नशे में, बिन पिए बहका
आ, सुंदर-सुंदर, वो हसीना बड़ी सुंदर-सुंदर
मैं तो खोने लगा उसके नशे में, बिन पिए बहका
एक दिन उसे भुला दूँगा मैं, उसके निशाँ मिटा दूँगा मैं
चाहूँगा ना मैं उस पत्थर को, जा उसे बता दे
हो, सच कह रहा है दीवाना, दिल-दिल ना किसी से लगाना
झूठे हैं यार के वादे सारे, झूठी हैं प्यार की क़स्में
मैंने हर लम्हा जिसे चाहा, जिसे पूजा
उसी ने यारों मेरा दिल तोड़ा-तोड़ा, तन्हा-तन्हा छोड़ा
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला, ले
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला, ले
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला
मौसम-मौसम, था सुहाना बड़ा मौसम-मौसम
मैंने देखा उसे, हुआ मैं पागल बस पल-भर में
आ, मौसम-मौसम, था सुहाना बड़ा मौसम-मौसम
मैंने देखा उसे, हुआ मैं पागल बस पल-भर में
के बसी है वो मेरे मन में, उसकी कमी है अब जीवन में
वो दूर है मेरी नज़रों से, क्यूँ उसे मैं चाहूँ?
हो, सच कह रहा है दीवाना, दिल-दिल ना किसी से लगाना
झूठे हैं यार के वादे सारे, झूठी हैं प्यार की क़स्में
मैंने हर लम्हा जिसे चाहा, जिसे पूजा
उसी ने यारों मेरा दिल तोड़ा-तोड़ा, तन्हा-तन्हा छोड़ा
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला, ले
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला, ले
ल-लाई-लाई-लाई-लाई-ला



Авторы: B Praak



Внимание! Не стесняйтесь оставлять отзывы.