Текст песни Tum Jabse Jeevan Mein - Bappi Lahiri , Asha Bhosle
तुम
जब
से
जीवन
मे
कुशाबू
की
तरह
छाये
कब
जाने
रैन
गयी
कब
दिन
ढल
जाए
मै
हू
वाही
तुम
हो
वाही
मौसम
है
वाही
बिखरी
हुयी
फूलो
पर
शबनम
है
वाही
फिर
क्यो
पुरानी
आज
कहानी
लगाती
है
नयी
जब
से
नए
मतलब
ये
जीने
के
समझ
पाए
कब
जाने
रैन
गयी
कब
दिन
ढल
जाए
कौन
सी
ये
मंजिल
है
कैसा
है
सफ़र
इतनी
हसी
पहले
नही
लगाती
थी
डगर
इन
राहो
पे
आओ
बसा
ले
सपनो
का
नगर
जब
से
मुझे
प्यार
भरे
इस
मोड़
पे
तुम
लाये
कब
जाने
रैन
गयी
कब
दिन
ढल
जाए
तुमने
छुवा
मुझपे
हुवा
जाने
क्या
असर
अनदेखी
उठाने
लगी
मन
मे
इक
लहर
क्यो
ना
ये
लम्हे
मिलके
चुन
ले
हम-तुम
झूमकर
जब
से
तेरे
गीत
मेरे
इन
होंठो
पर
आये
कब
जाने
रैन
गयी
कब
दिन
ढल
जाए
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