Текст песни Gilehriyaan - Jonita Gandhi , Aamir Khan
रंग
बदल-बदल
के
क्यूँ
चहक
रहें
हैं
दिन-दोपहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
रंग
बदल-बदल
के
क्यूँ
चहक
रहें
हैं
दिन-दोपहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
ज़रा
सा
मौसम
सरफिरा
है?
या
मेरा
mood
मसख़रा
है,
मसख़रा
है
जो
ज़ायक़ा
मनमानियों
का
है,
वो
कैसा
रस
भरा
है
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
हज़ारों
गुलमोहर
से
भर
गई
हैं
ख़ाहिशों
की
टहनियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
एक
नई
सी
दोस्ती
आसमाँ
से
हो
गई
ज़मीन
मुझ
से
जल
के,
मुँह
बना
के
बोले,
"तू
बिगड़
रही
है"
ज़िंदगी
भी
आजकल
गिनतियों
से
ऊब
के
गणित
के
आँकड़ों
के
साथ
एक-आधा
शेर
पढ़
रही
है
मैं
सही-ग़लत
के
पीछे
छोड़
के
चली
कचहरियाँ
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
ज़रा
सा
मौसम
सरफिरा
है?
या
मेरा
mood
मसख़रा
है,
मसख़रा
है
जो
ज़ायक़ा
मनमानियों
का
है,
वो
कैसा
रस
भरा
है
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
हज़ारों
गुलमोहर
से
भर
गई
हैं
ख़ाहिशों
की
टहनियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
क्यूँ
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियाँ?
मैं
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना,
जानूँ
ना
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