Текст песни Aashiq Hoon Baharon Ka - Kishore Kumar
                                                नहीं 
                                                देखा 
                                                कभी 
                                                पहले
 
                                    
                                
                                                कभी 
                                                पहले 
                                                नहीं 
                                                देखा
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                फूल 
                                                है 
                                                किन 
                                                गुलज़ारों 
                                                का?
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                नहीं 
                                                देखा 
                                                कभी 
                                                पहले
 
                                    
                                
                                                कभी 
                                                पहले 
                                                नहीं 
                                                देखा
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                फूल 
                                                है 
                                                किन 
                                                गुलज़ारों 
                                                का?
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मुझे 
                                                जो 
                                                पसंद 
                                                हो, 
                                                मैं 
                                                छोड़ता 
                                                नहीं
 
                                    
                                
                                                पर 
                                                डरो 
                                                मत, 
                                                फूलों 
                                                को 
                                                मैं 
                                                तोड़ता 
                                                नहीं
 
                                    
                                
                                                मुझे 
                                                जो 
                                                पसंद 
                                                हो, 
                                                मैं 
                                                छोड़ता 
                                                नहीं
 
                                    
                                
                                                पर 
                                                डरो 
                                                मत, 
                                                फूलों 
                                                को 
                                                मैं 
                                                तोड़ता 
                                                नहीं
 
                                    
                                
                                                मुझको 
                                                ख़बर 
                                                है 
                                                कि 
                                                तुम 
                                                सी
 
                                    
                                
                                                नाज़ुक 
                                                कलियाँ 
                                                छूने 
                                                से 
                                                शरमा 
                                                जाती 
                                                हैं
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                है 
                                                आदत 
                                                मेरी 
                                                बिना 
                                                मतलब 
                                                के
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                नज़रें 
                                                किसी 
                                                चेहरे 
                                                पे 
                                                यूँ 
                                                ही 
                                                रुक 
                                                जाती 
                                                हैं
 
                                    
                                
                                                यूँ 
                                                ही 
                                                रुक 
                                                जाती 
                                                हैं
 
                                    
                                
                                                नहीं 
                                                दिल 
                                                में 
                                                कुछ 
                                                मेरे
 
                                    
                                
                                                मुझे 
                                                शौक़ 
                                                है 
                                                सिर्फ़ 
                                                नज़ारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                तुम 
                                                से 
                                                हसीनों 
                                                की 
                                                हो 
                                                ख़ाक 
                                                क़दर
 
                                    
                                
                                                हम 
                                                लोग 
                                                रंग-रूप 
                                                को 
                                                ना 
                                                देखें 
                                                अगर
 
                                    
                                
                                                तुम 
                                                से 
                                                हसीनों 
                                                की 
                                                हो 
                                                ख़ाक 
                                                क़दर
 
                                    
                                
                                                हम 
                                                लोग 
                                                रंग-रूप 
                                                को 
                                                ना 
                                                देखें 
                                                अगर
 
                                    
                                
                                                जिसकी 
                                                तरफ़ 
                                                कोई 
                                                देखता 
                                                नहीं
 
                                    
                                
                                                पूछो 
                                                उस 
                                                से 
                                                कितनी 
                                                तकलीफ़ 
                                                होती 
                                                है
 
                                    
                                
                                                जल 
                                                जाता 
                                                है 
                                                वो 
                                                दिल 
                                                ही 
                                                दिल 
                                                में
 
                                    
                                
                                                जब 
                                                सामने 
                                                उनके 
                                                औरों 
                                                की 
                                                तारीफ़ 
                                                होती 
                                                है
 
                                    
                                
                                                तारीफ़ 
                                                होती 
                                                है
 
                                    
                                
                                                तो 
                                                लट 
                                                उलझी 
                                                सुलझा 
                                                दूँ
 
                                    
                                
                                                मतलब 
                                                है 
                                                ये 
                                                मेरे 
                                                इशारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                नहीं 
                                                देखा 
                                                कभी 
                                                पहले
 
                                    
                                
                                                कभी 
                                                पहले 
                                                नहीं 
                                                देखा
 
                                    
                                
                                                ये 
                                                फूल 
                                                है 
                                                किन 
                                                गुलज़ारों 
                                                का?
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                
                                                मैं 
                                                आशिक़ 
                                                हूँ 
                                                बहारों 
                                                का
 
                                    
                                Внимание! Не стесняйтесь оставлять отзывы.