Текст песни Ghum Hai Kisi Ke Pyar Mein - Lata Mangeshkar , Kishore Kumar
हूं हूं हूं हूं हूं हूं हूं हूं हूं
हाँ? क्या कहा?
(...)
गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
कुछ लिखा?
हाँ
क्या लिखा?
हो गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
(...)
अच्छा आगे क्या लिखू?
आगे?
सोचा है एक दिन
मैं उससे मिल के
कह डालूँ अपने
सब हाल दिल के
और कर दूँ जीवन उसके हवाले
फिर छोड़ दे चाहे अपना बना ले
मैं तो उसका रे
हुआ दीवाना
अब तो जैसा भी
मेरा हो अंजाम
हो गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
(...)
लिख लिया?
हाँ
जरा पढ़के तो सुनाओ ना
चाहा है तुमने
जिस बावरी को
वो भी सजनवा
चाहे तुम्हीं को
नैना उठाए तो प्यार समझो
पलकें झुका दे तो इकरार समझो
रखती है कबसे छुपा छुपा के
क्या?
अपने होठों में
पिया तेरा नाम
हो गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
हो गुम है किसी के प्यार में
दिल सुबह शाम
पर तुम्हें लिख नहीं पाऊं
मैं उसका नाम
हाय राम हाय राम
(...)

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