Lata Mangeshkar & Manna Dey - Tum Gagan Ke Chandrama Ho Revival - Original текст песни

Текст песни Tum Gagan Ke Chandrama Ho Revival - Original - Lata Mangeshkar , Manna Dey



तुम गगन के चंद्रमा हो, मैं धरा की धूल हूँ
मैं धरा की धूल हूँ
तुम प्रलय के देवता हो,
तुम प्रलय के देवता हो, मैं समर्पित फूल
मैं धरा की धूल हूँ
तुम हो पूजा मैं पुजारी, तुम सुधा मैं प्यास हूँ
तुम सुधा मैं प्यास हूँ
तुम महासागर की सीमा, मैं किनारे की लहर
तुम महासंगीत के स्वर, मैं अधूरी साजपर
तुम हो काया मैं हूँ छाया, तुम क्षमा मैं भूल हूँ
तुम गगन के चंद्रमा हो, मैं धरा की धूल हूँ
मैं धरा की धूल हूँ
तुम उषा की लालिमा हो, भोर का सिंदूर हो
मेरे प्राणों की हो गुंजन, मेरे मन की मयूर हो
तुम हो पूजा मैं पुजारी, तुम सुधा मैं प्यास हूँ
तुम गगन के चंद्रमा हो, मैं धरा की धूल हूँ
मैं धरा की धूल हूँ



Авторы: LAXMIKANT PYARELAL, BHARAT VYAS


Lata Mangeshkar & Manna Dey - Sati Savitri
Альбом Sati Savitri
дата релиза
01-12-1964




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