Lata Mangeshkar - Kisi Ne Apna Banake текст песни

Текст песни Kisi Ne Apna Banake - Lata Mangeshkar




किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
अँधेरे घर में किसीने हँसके चिराग जैसे जला दिया
शरम के मारे मैं कुछ बोली, नज़र ने पर्दा गिरा दिया
मगर वो सबकुछ समझ गये हैं, के दिल भी मैने गँवा दिया
प्यार देखा, प्यार जाना, सुनी थी लेकिन कहानियाँ
जो ख़्वाब रातों में भी ना आया, वो मुझको दिन में दिखा दिया
वो रंग भरते हैं जिंदगी में, बदल रहा है मेरा जहां
कोई सितारें लूटा रहा था, किसीने दामन बिछा दिया




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