Nikhil Paul George & Neeti Mohan - Nazdeekiyaan текст песни

Текст песни Nazdeekiyaan - Nikhil Paul George & Neeti Mohan




रातों के जागे सुबह मिले हैं
रेशम के धागे ये सिलसिले हैं
लाज़मी सी लगने लगी हैं
दो दिलों की अब नज़दीकियाँ
Mmm, दिखती नहीं हैं
पर हो रही हैं महसूस नज़दीकियाँ
दो दिल ही जाने
लगती हैं कितनी महफ़ूज़ नज़दीकियाँ
ज़रिया, हैं ये आँखें ज़रिया
छलकता है जिनसे एक अरमानों का दरिया
आदतें हैं इनकी पुरानी, अनकही सी कह दे कहानी
परछाइयाँ दो जुड़ने लगी हैं
देखो, हवा में उड़ने लगी हैं
पंख जैसी लगने लगी हैं
दो दिलों की अब नज़दीकियाँ



Авторы: Amit Trivedi, Amitabh Bhattacharya



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