Samira Koppikar - Kaanch Ke текст песни

Текст песни Kaanch Ke - Samira Koppikar



बदला नज़रिया है
नज़रें और नज़ारें हैं वहीं
कल की बातों पे आज हमको
क्यूँ आती है फिर भी अब हँसी?
दीवानेपन की इम्तिहाँ थे तुम
हाँ, खालीपन की भी दवा थे तुम
वो असर चाहतों के ना रहे
वादें तेरे-मेरे काँच के, पल-पल की धूप के, छाँव के
बिखरे हैं टूट के, ना सह सके वादें वो काँच के
होगे साथ तुम, होगी जब शाम-ए-ज़िन्दगी
नादाँ ख़ाब था नींद से जब आँखें खुली
काश के हम ख़ाब में ही जी लेते
पहलू में तेरे साँस आखरी भी लेते
लगा के ताने पलकों में हम-तुम
उन रास्तों पे हो जाते जो ग़ुम
जाग के किस जहाँ में गए
वादें तेरे-मेरे काँच के, पल-पल की धूप के, छाँव के
बिखरे हैं टूट के, ना सह सके वादें वो काँच के
वादें तेरे-मेरे काँच के, पल-पल की धूप के, छाँव के
बिखरे हैं टूट के, ना सह सके वादें वो काँच के



Авторы: Neeraj Rajawat, Samira Koppikar


Samira Koppikar - Kaanch Ke - Single
Альбом Kaanch Ke - Single
дата релиза
07-01-2019




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