Shreya Ghoshal - Sampoorna Diwali Aarti текст песни

Текст песни Sampoorna Diwali Aarti - Shreya Ghoshal



जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
(जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा)
(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी
(एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी)
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी
(माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी)
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा
(पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
(जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा)
(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)
अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया
(अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया)
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
(बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया)
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
(सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा)
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
(जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा)
(माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा)
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता
(मैया, तुम ही जग माता)
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, सूर्य चद्रंमा ध्यावत
नारद ऋषि गाता, जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता
(मैया, सुख-संपत्ति दाता)
जो कोई तुमको ध्यावत, जो कोई तुमको ध्यावत
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता, जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभदाता
(मैया, तुम ही शुभदाता)
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी
भव निधि की त्राता, जय लक्ष्मी माता
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
(मैया, सब सद्गुण आता)
सब संभव हो जाता, सब संभव हो जाता
मन नहीं घबराता, जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना कोई पाता
(मैया, वस्त्र ना कोई पाता)
खान-पान का वैभव, खान-पान का वैभव
सब तुमसे आता, जय लक्ष्मी माता
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
(मैया, क्षीरोदधि-जाता)
रत्न चतुर्दश तुम बिन, रत्न चतुर्दश तुम बिन
कोई नहीं पाता, जय लक्ष्मी माता
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता
(मैया, जो कई नर गाता
उर आनंद समाता, उर आनंद समाता
पाप उतर जाता, जय लक्ष्मी माता
जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, जय जगदीश हरे
जो ध्यावे, फल पावे, दुख बिन से मन का
(स्वामी, दुख बिन से मन का)
सुख-संपत्ति घर आए, सुख-संपत्ति घर आए
कष्ट मिटे तन का, जय जगदीश हरे
माता-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी?
(स्वामी, शरण गहूं मैं किसकी?)
तुम बिन और ना दूजा, तुम बिन और ना दूजा
आस करूँ मैं किसकी? जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
(स्वामी, तुम अंतर्यामी)
पारब्रह्म परेमश्वर, पारब्रह्म परेमश्वर
तुम सबके स्वामी, जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता
(स्वामी, तुम पालनकर्ता)
मैं मूरख खल कामी, मैं सेवक, तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता, जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राण पति
(स्वामी, सबके प्राण पति)
किस विध मिलूँ दयामय, किस विध मिलूँ दयामय
तुमको मैं कुमति, जय जगदीश हरे
दीनबंधु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे
(स्वामी, तुम रक्षक मेरे)
अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे, जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
(स्वामी, पाप हरो देवा)
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ
संतन की सेवा, जय जगदीश हरे
जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, जय जगदीश हरे




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