Sonu Nigam - Abhi Mujh mein kahin текст песни

Текст песни Abhi Mujh mein kahin - Sonu Nigam




अभी मुझ में कहीं
बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी
जागी धड़कन नई
जाना ज़िन्दा हूं मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभ है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
अभी मुझ में कहीं
बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी
धूप में जलते हुए तन को
छाया पेड़ की मिल गयी
रूठे बच्चे की हंसी जैसे
फुसलाने से फिर खिल गयी
कुछ ऐसा ही अब महसुस दिल को हो रहा है
बरसों के पुराने ज़ख्मों पे मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहम, इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभ है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
डोर से टूटी पतंग जैसी
थी ये जिंदगानी मेरी
आज हो कल हो मेरा ना हो
हर दिन थी कहानी मेरी
एक बंधन नया पीछे से अब मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यूँ फ़िकर मुझको सता जाये
इक ऐसी चुभन, इस लम्हें में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभ है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा



Авторы: BHATTACHARYA AMITABH, GOGAVALE AJAY, GOGAVALE ATUL


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