Lyrics Be Intehaan (Race 2) - Atif Aslam
सुनो ना, कहे क्या सुनो ना
दिल मेरा सुनो ना, सुनलो ज़रा
तेरी बाहों में मुझे रहना है रात भर
तेरी बाहों में होगई सुबह
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
बे-इन्तेहाँ
यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर)
बे-इन्तेहाँ
देखा करूँ, सारी उमर (सारी उमर)
तेरे निशान बे-इन्तेहाँ
कोयी कसर ना रहे
मेरी खबर ना रहे
छू ले मुझे इस कदर बे-इन्तेहाँ
जब साँसों में तेरी सांसें घुली तोह
फिर सुलगने लगे
एहसास मेरे मुझसे कहने लगे
हाँ, बाहों में तेरी आ के जहाँ दो
यूँ सिमटने लगे
सैलाब जैसे कोई बहने लगे
खोया हूँ मैं आगोश में
तु भी कहाँ अब होश में
मखमली रात की हो न सुबह
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर)
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
गुस्ताखियाँ कुछ तुम करो
कुछ हम करें इस तरह
शर्मा के दो साये हैं जो
मुह फेर लें हम से यहाँ
हाँ, छू तो लिया है ये जिस्म तूने
रूह भी चूम ले
अंफाज़ भीगे भीगे क्यूँ हैं मेरे
हाँ, यूँ चूर हो के मजबूर हो के
क़तरा क़तरा कहे
एहसास भीगे भीगे क्यूँ हैं मेरे
दो बेखबर भीगे बदन
हो बेसबर भीगे बदन
ले रहे रात भर अंगड़ाईयाँ
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
बे-इन्तेहाँ (बे-इन्तेहाँ)
यूँ प्यार कर (यूँ प्यार कर)
बे-इन्तेहाँ
देखा करूँ (देखा करूँ)
सारी उमर (सारी उमर)
तेरे निशां बे-इन्तेहाँ
कोयी कसर ना रहे
मेरी खबर ना रहे
छू ले मुझे इस कदर बे-इन्तेहाँ

Attention! Feel free to leave feedback.