Lyrics Gilehriyaan - Jonita Gandhi
रंग
बदल-बदल
के
क्यूं
चहक
रहे
हैं
दिन
दुपहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
रंग
बदल-बदल
के
क्यूं
चहक
रहे
हैं
दिन
दुपहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
ज़रा
सा
मौसम
सरफिरा
है
या
मेरा
मूड
मसखरा
है,
मसखरा
है
जो
ज़ायका
मन-मानियों
का
है
वो
कैसा
रस
भरा
है
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
हज़ारों
गुलमोहर
सी
भर
गयी
है
ख्वाहिशों
की
टहनियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
इक
नयी
सी
दोस्ती,
आसमां
से
हो
गयी
ज़मीन
मुझसे
जल
के,
मुंह
बना
के
बोले
तू
बिगड़
रही
है
ज़िन्दगी
भी
आज
कल,
गिनतियों
से
लूम
के
गणित
के
आंकड़ों
के
साथ
एक-आधा
शेर
पढ़
रही
है
मैं
सही
ग़लत
के
पीछे
छोड़
के
चली
कचहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
क्यूं
ज़रा
सा
मौसम
सरफिरा
है
या
मेरा
मूड
मसखरा
है,
मसखरा
है
जो
ज़ायका
मन-मानियों
का
है
वो
कैसा
रस
भरा
है
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
हज़ारों
गुलमोहर
सी
भर
गयी
है
ख्वाहिशों
की
टहनियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
क्यूं
फुदक-फुदक
के
धड़कनों
की
चल
रही
गिलहरियां
मैं
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना,
जानूं
ना
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