Lyrics Hariyala Sawan Dhol Bajata Aaya - Lata Mangeshkar
उड़-तग-तग-तग-तग-तगिन-तगिन-गिन-गिन
रे
उड़-तग-तग-तग-तग-तगिन-तगिन-गिन-गिन
रे
उड़-जग-जग-जग-जग-जगिन-जगिन-गिन-गिन
रे
उड़-जग-जग,
उड़-जग-जगिन
उड़-तग-तग,
उड़-तग-तगिन
उड़-जग-जग,
उड़-जग-जगिन
उड़-जग-जग-जग
हरियाला
सावन
ढोल
बजाता
आया
धिन-तक-तक,
मन
के
मोर
नचाता
आया
हरियाला
सावन
ढोल
बजाता
आया
धिन-तक-तक,
मन
के
मोर
नचाता
आया
मिट्टी
में
जान
जगाता
आया
धरती
पहनेगी
हरी
चुनरिया,
बनके
दुल्हनिया
हो,
एक
अगन
बुझी
(एक
अगन
लगी)
मन
मगन
हुआ
(एक
लगन
लगी)
आई-आई,
आई
रे
आई
आई,
आई
रे
आई
हरियाला
सावन
ढोल
बजाता
आया
धिन-तक-तक,
मन
के
मोर
नचाता
आया
मिट्टी
में
जान
जगाता
आया
धरती
पहनेगी
हरी
चुनरिया,
बनके
दुल्हनिया
हो
(एक
अगन
बुझी,
एक
अगन
लगी)
(मन
मगन
हुआ,
एक
लगन
लगी)
आई-आई,
आई
रे
आई
आई,
आई
रे
आई
बैठ
ना
तू
मन
मारे
(जहाँ
गगन
चले)
(जहाँ
पवन
चले)
आजा,
मिल-जुल
के
गाएँ
जीवन
का
गीत
नया
(एक
अगन
बुझी,
एक
अगन
लगी)
(मन
मगन
हुआ,
एक
लगन
लगी)
आई-आई,
आई
रे
आई
आई,
आई
रे
आई
ऐसी
बीज
बिछाओ
रे
(सुख-चैन
उगे,
दुख-दर्द
मिटे)
ऐसी
बीज
बिछाओ
रे
(सुख-चैन
उगे,
दुख-दर्द
मिटे)
नैनों
में
नाचे
रे
सपनों
का
धान
हरा
नैनों
में
नाचे
रे
सपनों
का
धान
हरा
हरियाला
सावन
ढोल
बजाता
आया
धिन-तक-तक,
मन
के
मोर
नचाता
आया
मिट्टी
में
जान
जगाता
आया
धरती
पहनेगी
हरी
चुनरिया,
बनके
दुल्हनिया
हो,
एक
अगन
बुझी
(एक
अगन
लगी)
मन
मगन
हुआ
(एक
लगन
लगी)
आई-आई,
आई
रे
आई
आई,
आई
रे
आई
(आई-आई,
आई
रे
आई)
(आई,
आई
रे
आई)
Attention! Feel free to leave feedback.