Lyrics Vikal Mora Manwa Un Bin Hai - Lata Mangeshkar
हम
गवनवा
ना
जईबे
हो
बिना
झूलनी
हम
गवनवा
ना
जईबे
हो
बिना
झूलनी
हम
गवनवा...
हम
गवनवा
ना
जईबे
हो
बिना
झूलनी,
बिना
झूलनी
हम
गवनवा,
हाय,
हम
गवनवा
ना
जईबे
हो
बिना
झूलनी
अम्बुवा
की
डारी
पड़
रहीं
बूंदिया
अम्बुवा
की
डारी
पड़
रहीं
बूंदिया
अम्बुवा
की
डारी
पड़
रहीं
बूंदिया
आ,
अचरा
से
उलझे
लहरिया
अचरा
से
उलझे
लहरिया,
लहरिया
हो
बिना
झूलनी
हम
गवनवा
ना
जईबे
हो
बिना
झूलनी
आ,
आ,
सकल
बन
गगन,
पवन
चलत
पुरवाई
री,
माई
सकल
बन
गगन,
पवन
चलत
पुरवाई
री,
माई
रुत
बसंत
आई,
फूलन
छाई
बेलेरिया
डार-डार
अम्बुवन
की
कोहरिया
रही
पुकार
और
मेघवा
बूंदन
झरलाई
सकल
बन
गगन,
पवन
चलत
पुरवाई
आई
री
आ,
हा,
विकल
मोरा
मानवा
उन
बिन,
हाए
विकल
मोरा
मानवा
उन
बिन,
हाए
आए
ना
सजनवा,
रुत
बीती
जाए
विकल
मोरा
मनवा
उन
बिन,
हाय
विकल
मोरा
मनवा...
भोर
पवन
चली,
बुझ
गए
दीपक
चली
गई
रैन
सिंगार
की
हो,
केश
पे
बिरहा
की
धूप
ढली
अरी,
ऐ,
री
कली
अँखियन
की
पड़ी
कुम्हलाए
विकल
मोरा
मनवा
उन
बिन,
हाय
विकल
मोरा
मनवा...
युग
से
खुले
हैं
पट
नैनन
के
मेरे
युग
से
अँधेरा
मोरा
आँगना
हो,
सूरज
चमका,
ना
चाँद
खिला
अरी,
ऐ,
री,
जला
रही
अपना
तन-मन,
हाए
विकल
मोरा
मनवा
उन
बिन,
हाय
विकल
मोरा
मनवा...
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