Mahalaxmi - Kabhi Sham Dhale Lyrics

Lyrics Kabhi Sham Dhale - Mahalaxmi




कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
मगर आना इस तरह तुम
कि यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
तू नहीं, है मगर
फिर भी तू, साथ है
बात हो, कोई भी
तेरी ही, बात है
तू ही मेरे अन्दर है
तू ही मेरे बाहर है
जबसे तुझको जाना है
मैंने अपना माना है
मगर आना इस तरह तुम
कि यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
रात-दिन, की मेरी
दिलकशी, तुमसे है
ज़िन्दगी, की कसम
ज़िन्दगी तुमसे है
तुम ही मेरी आँखें हो
सूनी-तनहा राहों में
चाहे जितनी दूरी हो
तुम हो मेरी बाहों में
मगर आना इस तरह तुम
कि यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले
कभी शाम ढले, कभी शाम ढले
कभी शाम ढले, कभी शाम ढले
कभी चाँद खिले
कभी चाँद खिले, कभी चाँद खिले
कभी चाँद खिले, कभी चाँद खिले
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में जाना
जाना, जाना, जाना, जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में जाना
जाना, जाना, जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना
मेरे दिल में जाना



Writer(s): M. M. Kreem, Nida Fazli



Attention! Feel free to leave feedback.