Lyrics Paimane Toot Gaye - Pankaj Udhas
कौन
है
जिसने
मय
नहीं
पी
है?
कौन
झूठी
कसम
उठाता
है?
मयकदे
से
जो
बच
निकलता
है
तेरी
आँखों
में
डूब
जाता
है
जब
घिर
के
आई
काली
घटा
रिंदो
ने
कहा
जी
भर
के
पीला
इनकार
किया
जब
साक़ी
ने
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
जब
घिर
के
आई
काली
घटा
रिंदो
ने
कहा
जी
भर
के
पीला
इनकार
किया
जब
साक़ी
ने
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
जब
आए
शराबी
मस्ती
में
सब
डूब
गये
यूँ
मस्ती
में
हंगामा
हुआ
एक
बस्ती
में
हंगामा
हुआ
इक
बस्ती
में
लोग
आए
जब
मयखाने
तक
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
साक़ी
की
नकाब
उलटते
ही
कीमत
ना
रही
पैमाने
की
रौनक
ही
गयी
मयखाने
की
रौनक
ही
गयी
मयखाने
की
सब
पीने
लगे
जब
आँखों
से
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
साक़ी
की
नज़र
जब
तंग
हुई
शीशों
की
किस्मत
संग
हुई
यूँ
सारी
फ़ज़ा
बेरंग
हुई
यूँ
सारी
फ़ज़ा
बेरंग
हुई
मयखाने
में
ऐसी
जुंग
हुई
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
जब
घिर
के
आई
काली
घटा
रिंदो
ने
कहा
जी
भर
के
पीला
इनकार
किया
जब
साक़ी
ने
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
पैमाने
टूट
गये,
पैमाने
टूट
गये
Attention! Feel free to leave feedback.