Текст песни Mangal Mangal - A. R. Rahman , Kailash Kher
सबने
सुना
रे
डंका
बोले
धुम
धुम
जागो
जागो
अब
तुम
नींद
हो
क्यूं
तुम,
ओ.
जागो
रे
जाओ
जागो
रे
जागी
जागी
है
धरती
सारी
जागा
जागा
है
अम्बर
जागी
जागी
है
नदिया
सारी
जागा
जागा
है
सागर
जागो.
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
जागे
नगर
सारे
जागे
है
घर
सारे
जागा
है
अब
हर
गांव
जागी
है
बगिया
तो
जागे
है
पेड़
और
जागी
है
पेड़ों
की
छाव
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
भोर
आवे
जो
गंगा
नहाने
रात
हर
घाट
से
हट
जाए
सूर्य
किरणों
की
तलवार
ताने
घोर
अंधियारा
सब
कट
जाए
कोई
तट
पे
ही
धूनी
रमाए
कोई
दर्शन
को
झट
पट
जाए
जो
भी
आवे
मन
की
पावे
पाप
सब
जन्मों
का
धूल
जाए
लेके
करवट
उठे
फिर
बजरिया
और
धंधा
सभी
खुल
जाए
लाला
मुंशी
पुजारी
सिपहिया
हल्का
भारी
हर
एक
तूल
जाए
जोगी
लेके
फिरे
एक
तारा
और
बस
अपने
मन
की
गाए
खुले
सभी
के
भाग
का
द्वारा
सभी
खुशल
मंगल
हुई
जाए
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल,
मंगल
मंगल
हो
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